आज तुम्हारी ढेरों यादें
आज तुम्हारी ढेरों यादें
आयी मेरे नाम से
बढ़ने लगा दर्द का पहरा
टुकड़ा-टुकड़ा शाम से
दिन रात अगरु सा जलता मन
चुपचाप राख बनता है
निर्मोही सा कोई मेरे
जीवन को छलता है
जो बात किसी से कही नहीं
वह भी तो मेरी रही नहीं
तुमसे तो अच्छी यादें हैं
आजीवन मेरी बनी रहीं
निर्मोही सा कोई मेरे
जवाब देंहटाएंजीवन को छलता है
yadon ki yahee daastan hai. aane par dard de jaata hai.
bahut khoob
waah sunder ehsaas,yaad hi apni rahi.
जवाब देंहटाएंbahut badhiya rachana . badhai.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर!!
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